Connect with us

ब्रेकिंग: उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार गुसांई को नवाज जाएगा इस अवार्ड से, क्यों, पढिये

उत्तराखंड

ब्रेकिंग: उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार गुसांई को नवाज जाएगा इस अवार्ड से, क्यों, पढिये


देहरादून। सोशल मीडिया ऐसा हथियार है कि यह दुरुपयोग के लिए भी काम आता है और अच्छे काम के लिए भी। वैश्वीकरण में इसे लोग गलत कामों के लिए ज्यादा प्रयोग में ला रहे हैं लेकिन पत्रकार और लेखक शीशपाल गुसाईं इसे सही काम के लिए प्रयोग में ला रहे हैं गुसाईं जी ने सोशल मीडिया को दो घटनाओं को उजागर कर उन्हें मदद पहुंचाई।

पहली घटना है नगुण पट्टी के क्यारी की जगूड़ी परिवार की। जगूड़ी परिवार 7 दिन बाद होने वाली बेटी की शादी के लिए सामान लेने चिन्यालीसौड़ जा रहे थे, रास्ते में उन दोनों की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। सवाल यह था अब बबीता की शादी होगी या नहीं। इस इस घटना को बड़े मार्मिक ढंग से शीशपाल गुसाईं ने सोशल मीडिया में करीब आठ नौ दिनों तक किस्तों में पोस्ट किया। लोगों के मदद के लिये आगे आये। इस तरह से बबीता की शादी हो गई ₹3 लाख बबीता के अकाउंट में आ गए। दो जो छोटे भाई थे उनको पढ़ने के लिए टीएचडीसी आगे आ गया, आज भी वह टीएचडीसी के हॉस्टल में पढ़ रहे हैं।

यह भी पढ़ें 👉  प्रिन्सपलस प्रग्रेसिव स्कूलस एसोसिएशन द्वारा आयोजित अंतर-विद्यालयीय बैडमिंटन प्रतियोगिता का शुभारंभ

दूसरी घटना है पिछले साल जब तपोवन में बाढ़ आई थी तो एनटीपीसी का पूरा डैम बह गया था उसमें करीब 100 से ज्यादा लोग काल कलवित हुए थे। उसमें दोगी पट्टी का आलम सिंह पुंडीर भी था। पुंडीर के चार बच्चे और बूढ़ी मां सड़क में आ गए थे।उस घटना का बड़ी संवेदनशीलता के साथ शीशपाल गुसाईं ने उजागर किया। लोगों के मदद के लिए हाथ उठे। लोगों ने ऑनलाइन आलम की पत्नी के अकाउंट में मदद करनी शुरू कर दी। ऋषिकेश, देहरादून से उन्हें मदद करने दोगी पट्टी पहुंच गए। 3 लाख की मदद हुई। सोशल मीडिया का कमाल ही था कि अभिनेता सोनू सूद के मैनेजर भी दोगी पट्टी आए। और 4 बच्चों को अच्छी एजुकेशन देने की बात करने लगे। हालांकि घर वालों ने बच्चों को बाहर के स्कूल में नहीं भेजा।

यह भी पढ़ें 👉  सीएम धामी ने नगर निगम महापौर एवं नगर पालिका अध्यक्षों से संवाद किया

इसके अलावा गुसाईं जी सोशल मीडिया में ऐतिहासिक पहलुओं और उनके व्यक्तित्व की जानकारी देते हैं जो लोगों को अच्छी लगती हैं। उनका पत्रकारिता का तजुर्बा 28 सालों का है 1999 में उन्होंने श्रीनगर गढ़वाल से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट किया उसके बाद वह पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में विभाग में 2 साल तक गढ़वाल विश्वविद्यालय टिहरी परिसर में अंशकालिक लेक्चरर रहे तब वह नव भारत टाइम्स के टिहरी गढ़वाल जिला संवाददाता थे। उसके बाद 8 साल तक वह सहारा टीवी के टिहरी और देहरादून में संवादाता रहे। रीजनल चैनलों में सहारा ने तब शुरुआत की थी। गुसाईं जी की दो किताबें प्रकाशित हो गई है।

यह भी पढ़ें 👉  एशियाई विकास बैंक सहायतित टिहरी झील एरिया डेवलपमेंट प्रोजेक्ट उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक आयोजित

गुसाईं जी को पौड़ी गढ़वाल में इसी माह 14 और 15 तारीख को प्रतिष्ठित उमेश डोभाल पत्रकारिता सम्मान सोशल मीडिया में उत्कृष्ट काम करने के लिए दिया जा रहा है। बता दें कि गुसाईं जी के साथ ही इस बार उमेश डोभाल पत्रकारिता पुरस्कार से प्रिंट मीडिया के क्षेत्र में गंगा थपलियाल असनोडा को सम्मानित किया जाएगा, जबकि इलेक्ट्रानिक मीडिया में बारामासा पोर्टल की टीम मनमीत रावत व राहुल कोटियाल को भी पुरस्कार दिया जाएगा।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

ADVERTISEMENT

Advertisement

ट्रेंडिंग खबरें

To Top