Connect with us

उत्तराखंड महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता भर्ती पर उठे सवाल, अभ्यर्थियों ने लगाए गंभीर आरोप…

उत्तराखंड

उत्तराखंड महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता भर्ती पर उठे सवाल, अभ्यर्थियों ने लगाए गंभीर आरोप…


देहरादूनः उत्तराखंड में UKMSSB ने महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 824 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे थे। अब ये भर्ती विवादों में आ गई है। आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों ने स्वास्थ्य कार्यकर्ता (महिला) की भर्ती में गड़बड़ी के आरोप लगाया है। जिसको लेकर अभ्यर्थियों ने सोमवार को चिकित्सा चयन बोर्ड के कार्यालय प्रदर्शन किया।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार उत्तराखंड चिकित्सा चयन बोर्ड ने 824 स्वास्थ्य कार्यकर्ता (महिला) की सीधी भर्ती के लिए अभ्यर्थियों की एक सूची जारी की है, इस सूची को लेकर अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि इस सूची में वरिष्ठता को दरकिनार कर बहुत उम्मीदवारों को छोड़ दिया गया है।

आरोप है कि जारी कि गई सूची में वर्ष 2020 बैच के अभ्यर्थियों को भी शामिल किया गया है। इनमे भी अधिकांश अभ्यर्थियों ने निजी संस्थानों से कोर्स किया हुआ है। ऐसे में अभ्यर्थियों में भारी नाराजगी है। उनका कहना है कि 10 जून को चयन बोर्ड ने जो सूची जारी की है उसे देखकर वर्ष 2014 से नौकरी का इंतजार कर रहे कई अभ्यर्थियों को निराशा हाथ लगी है। उन्होंने सूची में संशोधित कर वरिष्ठता क्रम के आधार पर नियुक्ति की मांग की है।

यह भी पढ़ें 👉  अनुष्का राणा ने किया 12वीं में टॉप, जेईई मेन्स में भी पाई सफलता

अभ्यर्थियों का कहना था कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की भर्ती में उन्हीं अभ्यर्थियों को योग्य माना गया है जिन्होंने सरकारी संस्थानों से नर्सिंग कोर्स सफलतापूर्वक पूरा किया है। वर्ष 2013 से गरीब एवं मध्यम वर्गीय परिवार की लड़कियों ने किसी तरह से नर्सिंग कोर्स किया और तब से वह भर्ती का इंतजार कर रही हैं। यह कोर्स करने के बाद सरकार की तरफ से नौकरी की गारंटी होती है। लेकिन अब उनके हाथ सिर्फ लगी है।

यह भी पढ़ें 👉  चिकित्सालय में संचालित चन्दन लैब में अव्यवस्थाओं पर भड़क़े डीएम; सीएमएस को 15 दिन में व्यवस्था सुधारने के सख्त निर्देश

गौरतलब है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री के कार्यकाल में चयन बोर्ड ने विज्ञप्ति जारी की थी, लेकिन उसके बाद राष्ट्रपति शासन लगा तो मामला अटक गया। कुछ दिन पहले ही यह प्रक्रिया फिर शुरू हुई। अभ्यर्थियों से दोबारा आवेदन मांगे गए और सभी कागजात जमा करवाए गए। ऐसे में अब एक बार फिर निराशा  हाथ लगने से अभ्यर्थियों में रोष है।

वहीं चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. डीएस रावत ने इन आरोपो को नकारते हुए कहा कि ANM भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई है। ये कथन बिल्कुल असत्य है, उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया पूर्ण रूप से पारदर्शी रही है। 24 मार्च से 13 अप्रेल तक ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। अभ्यर्थियों के साथ ही एडिट करने की सुविधा दी गई थी। इस भर्ती के लिए अभ्यर्थी द्वारा भारतीय नर्सिंग परिषद्, नई दिल्ली से मान्यता प्राप्त बेसिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (महिला) प्रशिक्षण कोर्स (जिसमें 06 माह का प्रसव प्रशिक्षण भी सम्मिलित हो) सफलतापूर्वक किया हो।

यह भी पढ़ें 👉  बेहतर शिक्षा के लिए जिला प्रशासन की पहलः सरस्वती शिशु विद्या मंदिर भोगपुर को नवीन स्कूल बस का तोहफा

उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड नर्स एंड मिडवाइफ काउंसिल में सम्यक रुप से पंजीकरण कराया होना जरूरी था। ये वर्षवार मैरिट के आधार पर पूणर्ता पारर्दशी भर्ती प्रक्रिया है। नियमावली के तहत ही भर्ती की जाएगी। इसमें किसी भी तरह के घोटाले का कोई सवाल नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ अभ्यर्थियों के आवेदन आए है उनकी जांच की जाएगी। अगर कुछ भी गड़बड़ी मिलती है तो उचित कार्रवाई की जाएगी। भर्ती वर्षवार मैरिट के आधार पर ही कराई जाएगी। किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होगा।

 

 

उत्तराखंड महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता भर्ती पर उठे सवाल, अभ्यर्थियों ने लगाए गंभीर आरोप…

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

ADVERTISEMENT

Advertisement

ट्रेंडिंग खबरें

To Top