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बागेश्वर उपचुनाव के लिए तैयारियां पूर्ण, जिले में आचार संहिता लागू…

उत्तराखंड

बागेश्वर उपचुनाव के लिए तैयारियां पूर्ण, जिले में आचार संहिता लागू…


उत्तराखंड में बागेश्वर विधानसभा सीट के उपचुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज है। चुनाव के  लिए बीजेपी और कांग्रेस जुटी हुई है। चुनावी रण तैयार है तो वहीं उपचुनाव के लिए जिले में आचार संहिता लागू कर दी गई है। जो वोटिंग संपन्न होने तक लागू रहेगी। आचार संहिता के साथ ही सीट पर कई चीजों पर पाबंदियां लग गई है। वहीं निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जल्द ही कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार इलेक्शन कमीशन ऑफ़ इंडिया ने बागेश्वर उपचुनाव का नोटिफिकेशन जारी किया है। यहां 10 अगस्त से 17 अगस्त के बीच नामांकन होगा।  21 अगस्त नाम वापसी की अंतिम तिथि होगी तो वहीं पांच सितंबर को वोटिंग होगी, जबकि 8 सितंबर को रिजल्ट किया जाएगा। बताया जा रहा है कि विधानसभा क्षेत्र को तीन जोन, 28 सेक्टर में बांटा गया है। पूरे जिले में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू कर दी गई है। धारा 144 भी तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है। आचार संहिता का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। इसके लिए टीमें सक्रिय कर दी गई हैं। पेड न्यूज पर भी नजर रखी जाएगी।

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बता दें कि चुनाव आचार संहिता के साथ ही कई नियम भी लागू हो जाते हैं। इनकी अवहेलना कोई भी राजनीतिक दल या राजनेता नहीं कर सकता। सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी विशेष राजनीतिक दल या नेता को फायदा पहुंचाने वाले काम के लिए नहीं होगा। सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जायेगा। किसी भी तरह की सरकारी घोषणा, लोकार्पण और शिलान्यास आदि नहीं होगा। किसी भी राजनीतिक दल, प्रत्याशी, राजनेता या समर्थकों को रैली करने से पहले पुलिस से अनुमति लेनी होगी।  किसी भी चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांगे जाएंगे।

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वहीं बताया कि मतदान केंद्रों में पानी, बिजली की व्यवस्था कर ली गई है। मतदान केंद्र वाले क्षतिग्रस्त स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए पहले ही बजट आवंटन कर दिया गया है। जल्द मरम्मत करा ली जाएगी। अगले सप्ताह सेक्टर मजिस्ट्रेट बूथों का निरीक्षण करेंगे, जो भी कमियां होंगी, उन्हें दूर कराएंगे। आपदा से प्रभावित क्षेत्र में सड़क और पैदल रास्ते दुरुस्त किए जाएंगे। इस बार चुनाव बसों का उपयोग न कर छोटे वाहनों का उपयोग किया जाएगा, ताकि सुगमता से मतदान कार्मिक मतदान केंद्रों तक पहुंच सकें। विधानसभा क्षेत्र की जिन सड़कों पर वाहन संचालन की अनुमति नहीं है, वहां वाहन संचालन के लिए एआरटीओ से अनुमति दिलाई जाएगी। चुनाव के लिए अतिरिक्त पुलिस फोर्स मांगी जाएगी।

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