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दुनिया की सबसे ऊंची अल्ट्रा मैराथन पूरी कर चमोली के हितेश ने रचा इतिहास, दें बधाई…

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दुनिया की सबसे ऊंची अल्ट्रा मैराथन पूरी कर चमोली के हितेश ने रचा इतिहास, दें बधाई…


उत्तराखंड के युवा हर क्षेत्र में प्रदेश का नाम रोशन कर दिया है। इसी कड़ी में चमोली निवासी हितेश कुनियाल का नाम जुड़ गया है। हितेश ने खारदुंगला चैलेंज’ पार कर देश और दुनिया में अपना लोहा  मनवाया है। उन्होंने दुनिया की सबसे ऊंची अल्ट्रा मैराथन रेस खारदुंगला 10 घंटे 40 मिनट में पूरी कर  इतिहास रचा दिया है। उनकी इस उपलब्धि से प्रदेश में खुशी की लहर है। उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया है।

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मिली जानकारी के अनुसार चमोली जिले के दूरस्थ क्षेत्र देवाल के देवस्थली गांव के हितेश ने कड़ी मेहनत से बड़ा मुकाम हासिल किया है। उन्होंने लगातार दूसरे साल भी दुनिया की सबसे ऊंची अल्ट्रा मैराथन रेस खारदुंगला को 10 घंटे 40 मिनट में पूरा कर लिया है।  बताया जा रहा हैं कि खारदुंगला चैलेंज 72 किमी दुनिया की सबसे ऊंची अल्ट्रा मैराथन है। यह दौड़ उन धावकों के लिए सबसे कठिन और अंतिम चुनौतीपूर्ण दौड़ में से एक है, जो अपनी सीमाओं को चरम तक ले जाना चाहते हैं।

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दौड़ में जापान के 32 धावकों सहित जर्मनी, रोमानिया आदि देश के धावकों ने भी प्रतिभाग किया था। इस साल ये दौड़ सुबह 3 बजे शुरू हुई थी, जिस समय तापमान एक डिग्री था। जैसे-जैसे धावक ऊपर चढ़ाई पर चढ़ते गए तापमान शून्य से भी नीचे गिरता रहा।  ऊंचाई में सांस लेने में धावकों को बहुत दिक्कत होती है, क्योंकि यहां ऑक्सीजन लेवल बहुत कम होता है। जिससे कई प्रतिभागी दौड़ पूरी न कर सके। जबकि इस दौड़ के लिए सभी प्रतिभागियों को 12 से 13 घंटे लगे थे।

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बताया जा रहा है कि हितेश कुनियाल इवान टेक्नोलॉजी देहरादून में कार्यरत हैं, जो धावक होने के साथ साथ समाजसेवी भी हैं। पिछले दो सालों से वह द पीपल्स ग्रुप विभिन्न सामाजिक कार्यों जैसे पशु चिकित्सा, पौधरोपण, स्वच्छता अभियान, गरीब बच्चों की शिक्षा एवं पहाड़ के विद्यालयों में पुस्तकालय पर काम कर रहे है।

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