Connect with us

रुद्रप्रयाग से दिल दहला देने वाला मामला, घर के आंगन से ढाई साल की बच्ची को उठा ले गया गुलदार, मौत…

उत्तराखंड

रुद्रप्रयाग से दिल दहला देने वाला मामला, घर के आंगन से ढाई साल की बच्ची को उठा ले गया गुलदार, मौत…


उत्तराखंड में गुलदार इतने दुस्साहसी हो गए हैं कि अब घर में घुसकर भी हमले कर रहे हैं। ऐसे कई मामले राज्य में सामने आ चुके हैं। रुद्रप्रयाग से ऐसा ही दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां अगस्त्यमुनि विकासखंड में घर के आंगन में खेल रही ढाई साल की बच्ची को गुलदार उठा ले गया। बच्ची का शव झाड़ियों में शत-विक्षत हाल में मिला। जिससे पूरे गांव में दहशत का माहौल है।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार घटना अगस्त्यमुनि विकासखंड के ग्राम पंचायत गहड़ की है। यहां गांव में रहने वाले विनोद कुमार की ढाई साल की बेटी मिष्ठी अपने घर के आंगन में खेल रही थी। बताया जा रहा है कि इस दौरान बच्ची की दादी कुछ दूरी पर बैठी थी, जबकि मां अपने चार माह के बेटे के साथ कमरे में थी। इसी दौरान घात लगाकर बैठे गुलदार ने मिष्ठी पर हमला कर दिया और उसे जबड़े में दबाकर वहां से भागने लगा।यह देखकर बच्ची की मां और ग्रामीण गुलदार के पीछे दौड़ पड़े।

यह भी पढ़ें 👉  डीएम ने सैक्टरवार संगठित की टीम; टाइम बाउण्ड एक्शन की आदत डाले अधिकारी

जिससे शोर सुन गुलदार बच्ची को झाड़ियों में छोड़कर भाग गया, लेकिन तब तक बच्ची की मौत हो चुकी थी। जिससे मौके पर कोहराम मच गया। वहीं ग्रामीणों मे गुलदार के हमले की सूचना जिला प्रशासन व वन विभाग की टीम को दी। घटना से ग्रामीणों में जहां दहशत है वहीं आक्रोश भी है। बच्ची की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से गांव में पिंजरा लगाकर गुलदार को पकड़ने की मांग की है।

यह भी पढ़ें 👉  सीएम धामी ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस पर परेड ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया

बता दें कि उत्तराखंड में पर्वतीय जिले गुलदारों और बाघों से ज्यादा प्रभावित हैं। पहाड़ों में बढ़ती मानव दखलअंदाजी और जंगलों के कटान के कारण जंगली जानवर आबादी का रुख करने लगे हैं। जंगलों में घास काटने जाने वाली महिलाओं पर कभी भालू के हमले होते हैं, तो वहीं गुलदार या बाघ आबादी में आकर बच्चों या किसी आसान शिकार को दबोच कर ले जाते हैं।आपको जानकर हैरानी होगी कि इंसानों के साथ होने वाले संघर्ष में गुलदार सबसे ऊपर हैं। इससे भी बड़ी परेशानी इस बात को लेकर है कि गुलदार अब इंसानों के घरों तक भी पहुंच गए हैं।

यह भी पढ़ें 👉  आज 05 बालिकाएं बनी नंदा-सुनंदा, अब तक 38 बालिकाओं की शिक्षा प्रोजेक्ट ‘‘नंदा-सुनंदा’’ से पुनर्जीवित

 

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

ADVERTISEMENT

Advertisement

ट्रेंडिंग खबरें

To Top