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जिला प्रशासन ने विद्युत विभाग को कराया जन के प्रति उनकी जिम्मेदारी एवं प्रशासन की शक्तियों का आभास

उत्तराखंड

जिला प्रशासन ने विद्युत विभाग को कराया जन के प्रति उनकी जिम्मेदारी एवं प्रशासन की शक्तियों का आभास


देहरादून: जिलाधिकारी सविन बंसल ने विद्युत विभाग के जूनियर अभियंताओं द्वारा कार्य बहिष्कार/हड़ताल किए जाने की प्राप्त हो रही सूचनाओं पर त्वरित संज्ञान लेते हुए अधीक्षण अभियंता विद्युत विभाग को तलब करते हुए जनसामान्य को विद्युत आपूर्ति में बाधा उत्पन्न न हो इसके कड़े निर्देश दिए। इस संबंध में जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जनहित के कार्यों में बाधा उत्पन्न करने वाली किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

जिलाधिकारी के निर्देशों के अनुपालन में अपर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक नगर द्वारा विद्युत विभाग को प्रशासन की मनसा से स्पष्ट अवगत करा दिया है। जिला प्रशासन के अधीक्षण अभियंता विद्युत को हड़ताल/कार्य बहिष्कार करने वाले अभियंताओं की उपस्थिति की नियमित निगरानी करने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने पुलिस को 200 मीटर परिधि में धरना प्रदर्शन प्रतिबंध, का परिपालन करवाने व उल्लंघन पर पुलिस को प्राथमिक की दर्ज करने के निर्देश दिए।

आवश्यकतानुसार वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए विद्युत आपूर्ति को बनाए रखने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। डीएम ने निर्देश दिए कि आपात स्थिति हेतु कंट्रोल रूम 24×7 क्रियाशील रहे और किसी भी विद्युत आपूर्ति बाधा की सूचना तत्काल संबंधित अधिकारियों को दी जाए। विद्युत आपूर्ति से संबंधित किसी प्रकार की लापरवाही, जानबूझकर बाधा अथवा अनुशासनहीनता की स्थिति में संबंधित कर्मचारियों/अधिकारियों के विरुद्ध सेवा नियमों के अंतर्गत कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। हड़ताल में भाग लेने वाले कार्मिकों द्वारा बिजली आपूर्ति बाधित करने की दशा में उनके विरुद्ध एस्मा (ESMA) अधिनियम के तहत कार्यवाही के निर्देश दिए।

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जिलाधिकारी ने तेवर तल्ख रखते हुए सख्त निर्देश दिए हैं कि सभी अभियंता एवं कर्मचारीगण अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए विद्युत सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करें और जनहित को सर्वोपरि रखें।

डीएम ने कहा सब स्टेशन हमारे; इलाका हमारा; जनमन भी हमारे, अधिकारियों को कहा मजबूरी मौनता निष्क्रियता: दून प्रशासन का परिचय नहीं है, सेवाएं बाधित करने वाले पर लगेगा एस्मा लगने के निर्देश। उन्होंने कहा कोई भी कर्मचारी वर्ग इतना बाहुबल नहीं; कि जनमन को आवश्यक सेवाओं से वंचित रखे। मा0 सीएम के सख्त निर्देश हैं कि जनमानस के साथ अन्याय; किसी कीमत पर ग्राहय नहीं होगा। डीएम ने सख्त लहजे में कहा कि हमारे होते हुए जिले में महिला, बुजुर्ग, बच्चों पर विद्युत संकट स्वीकार्य नही है डीएम ने 200 मीटर परिधि में धरना प्रदर्शन प्रतिबंधित, करने तथा उल्लंघन पर पुलिस को प्राथमिकी दर्ज के निर्देश दिए। उन्होंने सख्त संदेश देते हुए कहा कि विद्युत आपूर्ति तो करा ही लेंगे हम। प्रशासन को अपनी शक्तियां व दायित्व भलीभांति ज्ञात हैं। भयोदोहन की स्थिति में जिला प्रशासन को विद्युत आपूर्ति करना आता है। जिला प्रशासन ने विद्युत विभाग को जन के प्रति उनकी जिम्मेदारी एवं प्रशासन की शक्तियों का भी आभास कराया।

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उप मुख्य अधिकारी कार्मिक उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन ने डीएम को लिखे पत्र में बताया कि जून 2025 को ऐसोसिएशन ने कारपोरेशन मुख्यालय में अधिक संख्या में इकट्ठा होकर मानव संसाधन कार्यालय, कार्यालय प्रबन्ध निदेशक में नारे बाजी की तथा इसके पश्चात ऐसोसिएशन के सदस्यों द्वारा मुख्यालय स्थित महाप्रबन्धक (विधि) कार्यालय के बाहर एकत्रित होकर नारे बाजी की तथा मानव संसाधन स्कन्ध के अधिकारी के साथ गाली-गलौच की व उनके निजी समान की छीना-झपटी, अनर्गल टिप्पणी व अभद्र व्यवहार कर आंदोलन से तनावपूर्ण परिस्थिति उत्पन्न की गयी, जिससे कारपोरेशन मुख्यालय के विभागीय कार्यों में बाधा उत्पन्न हुई।

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आंदोलन कार्यक्रम से कार्यरत कार्मिकों / अधिकारियों के मुख्यालय में आने-जाने में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है तथा भविष्य में प्रदेश में सुचारू विद्युत व्यवस्था बनाये रखने में व्यवधान उत्पन्न होने की सम्भावना है। आंदोलन कार्यक्रम से कारपोरेशन मुख्यालय (विक्टोरिया क्रास विजेता गबर सिंह ऊर्जा भवन, कांवली रोड़, देहरादून) में तनावपूर्ण स्थिति को दृष्टिगत रखते हुये सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने हेतु उचित संख्या में पुलिस बल तैनात करने के निर्देश पुलिस को दिए । साथ ही डीएम ने मुख्यालय परिसर की सीमा से 200 मीटर से भीतर किसी भी तरह का धरना प्रदर्शन प्रतिबन्धित किया है।

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